सीमांत जिले के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रहीं हैं।

 

 

 

बारिश के बाद काली नदी का जलस्तर 889.00 मीटर पहुंच गया है। इसके खतरे का निशान 890.00 मीटर पर है।

सीमांत जिले के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रहीं हैं। बारिश के कारण कैलाश मानसरोवर को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क मांगती और मालपा में बंद है। इसके अलावा जिले में 11 ग्रामीण सड़कें भी बंद हैं।

ये ग्रामीण सड़कें हैं बंद

गिन्नी बैंड-समकोट, कालिका-खुमती, गलाती-रमतोली, छिरकिला-जम्कू, बैराज-बोगाड़ जुब्बर, सानदेव-तुर्गोली, देवीसूना-जमतड़ी, बांसबगड़-रजवार-बोक्टा, झूलाघाट-तालेश्वर, तवाघाट-सोबला और तवाघाट-घट्टाबगड़।

नदियों का जल स्तर बढ़ा

बारिश के बाद काली नदी का जलस्तर 889.00 मीटर पहुंच गया है। इसके खतरे का निशान 890.00 मीटर पर है। गोरी नदी जौलजीबी में 604.35 मीटर पर बह रही है। इसके खतरे का निशान 606.80 मीटर पर है। गोरी नदी मदकोट में 1211.80 मीटर पर बह रही है। इसके खतरे का निशान 1215.10 मीटर पर है। सरयू 447.50 मीटर पर बह रही है। इसके खतरे का निशान 452.00 मीटर पर है। प्रशासन से लोगों से नदियों के किनारे नहीं जाने की अपील की है।

झूलाघाट-तालेश्वर सड़क पर जेसीबी तैनात

नेपाल सीमा से लगी झूलाघाट-तालेश्वर सड़क को खोलने के लिए जेसीबी तैनात की गई है। लोनिवि की सहायक अभियंता रुचि जंगपांगी ने बताया कि सड़क जल्द सुचारु कर दी जाएगी। सड़क बंद होने से तालेश्वर गेठीगाड़ा, अमतड़ी, रणुवा आदि गांवों के लोगों को दिक्कत हो रही है।

आठ जिलों में आज भारी बारिश की चेतावनी, येलो अलर्ट

देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में आज से तीन दिन तक भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।  मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि कुछ दिनों की निष्क्रियता के बाद अब मानसून फिर सक्रिय हो रहा है।

मानसून सक्रिय होने के बाद देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में मंगलवार से लगातार तीन दिन में भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। भारी बारिश से नदियों, नालों के किनारे बसे लोगों के साथ ही भूस्खलन संभावित इलाकों में बसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।

उधर, देहरादून की डीएम सोनिका ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक लेने के साथ ही अलर्ट रहने के निर्देश दिए है। सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि वे अपने अपने इलाकों में रहेेंगे। भूस्खलन संभावित इलाकों में जेसीबी संग एंबुलेंस की व्यवस्था कर ली जाए, ताकि आपदा की स्थिति में तत्काल राहत कार्य शुरू किए जा सकें।

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देहरादून में बच्चे के अपहरण के शक में उसके रिश्तेदारों ने कांवली रोड पर जमकर बवाल किया। टायर फूंके और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। लोगों ने एक घंटे से भी ज्यादा समय तक मार्ग को जाम किया।

 



 

लोगों ने एक घंटे से भी ज्यादा समय तक मार्ग को जाम किया। इसी बीच पता चला कि बच्चा अपने घर बिहार में मां के पास पहुंच गया है।

देहरादून में बच्चे के अपहरण के शक में उसके रिश्तेदारों ने कांवली रोड पर जमकर बवाल किया। टायर फूंके और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। लोगों ने एक घंटे से भी ज्यादा समय तक मार्ग को जाम किया। सूचना मिलते ही भारी पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दी गई। इसी बीच पता चला कि बच्चा अपने घर बिहार में मां के पास पहुंच गया है। इसके बाद पुलिस ने जाम लगाने और बवाल करने के आरोप में 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, 15 जुलाई की शाम को 12 साल का बच्चा कांवली रोड स्थित बस्ती से लापता हो गया था। यहां वह अपनी बहन व अन्य रिश्तेदारों के साथ रहता था। उसकी मां और पिता बिहार में अपने घर पर रहते हैं। उसके लापता होने के बाद रिश्तेदारों ने पुलिस से शिकायत की। शहर कोतवाली में बच्चे के अपहरण (गुमशुदगी) का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। रिश्तेदार अपने पड़ोस में रहने वाले एक दुकानदार पर उसका अपहरण करने का आरोप लगा रहे थे।

पुलिस ने छानबीन शुरू की तो बच्चा अकेले ही जाते दिख रहा था। रेलवे स्टेशन पर भी बच्चे को जीआरपी के कैमरे में अकेले ही देखा गया, लेकिन रिश्तेदार पुलिस की इस छानबीन से संतुष्ट नहीं हुए। सोमवार सुबह साढ़े सात बजे तकरीबन 40-50 लोग कांवली रोड पर इकट्ठा हो गए। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस को आने में देर हुई तो उन्होंने टायर फूंकने शुरू कर दिए और जाम लगा दिया। थोड़ी देर बाद वहां कोतवाली से पुलिस फोर्स और अधिकारी पहुंच गए।

लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। कोतवाल विद्याभूषण नेगी ने बताया कि कुछ देर बाद ही पता चला कि बच्चा अपनी मां के पास बिहार पहुंच गया है। यह सुनकर सभी लोग सन्न रह गए और वहां से हट गए। कोतवाल ने बताया कि 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा और आगजनी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पर्स गायब होने की बात पूछी थी दुकानदार ने

कोतवाल ने बताया कि जिस दुकानदार पर आरोप लगाया गया था, उससे भी पूछताछ की गई थी। उसने बच्चे को दुकान पर बुलाकर एक गायब पर्स के बारे में पूछा था। बच्चे ने कहा था कि जिसके पास पर्स है, वह उसे बुलाकर ला रहा है। इसके बाद वह नहीं आया। न ही घर लौटा।

बच्चों को स्कूल ले जा रहे अभिभावक फंसे 
बवाल कर रहे लोगों ने कांवली रोड आने वाले मार्गों पर भी टायर जलाकर फेंक दिए थे। सुबह वहां से बहुत से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते हैं। वे भी बच्चों के साथ जाम में फंस गए। पुलिस ने बमुश्किल जलते टायर हटाए और अग्निशमन की गाड़ियों से आग बुझाई। तब जाकर लोग रवाना हुए।

वीडियो से होगी आरोपियों की पहचान
कोतवाल विद्याभूषण नेगी ने बताया कि पूरे प्रकरण की वीडियोग्राफी की गई है। फिलहाल सभी लोगों को अज्ञात में रखा गया है। वीडियो से सभी की पहचान की जा रही है। मामले में 40 से अधिक लोग नामजद हो सकते हैं। सभी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। क्षेत्र में सभी लोगों को चेतावनी भी दी गई है। यदि किसी ने आरोपियों को छुपाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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UP NHM Recruitment 2022: स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों पदों पर हो रही हैं बंपर भर्तियां, महीने में मिलेगा 35,000 रुपए का वेतन

 



 

नेशनल हेल्थ मिशन यूपी ने पब्लिक हेल्थ नर्स ट्यूटर के पदों पर भर्ती कराने का   नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इच्छुक एवं पात्र उम्मीदवार इसके लिए यूपी एनएचएम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आखिरी तारीख 20 जुलाई 2022 तक अपना आवेदन पूरा कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में पब्लिक हेल्थ नर्स  (PHN) के सैकड़ों पदों पर अस्थाई भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इस भर्ती के लिए आवेदन विंडो छह जुलाई से 20 जुलाई 2022 तक खोली गई है। इसलिए इच्छुक एवं पात्रता पूरी करने वाले उम्मीदवार आवेदन की अंतिम तारीख तक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फार्म भर सकते हैं। वहीं अगर आप सरकारी नौकरी के लिए किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और अपनी तैयारी को मजबूत बनाना चाहते हैं तो सफलता द्वारा चलाए जा रहे इस फ्री कोर्स Exam Preparation FREE Course- Subscribe Now को सब्सक्राइब कर अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं।

कहां मिलेगी नियुक्ति 

इन पदों पर चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को जनरल नर्सिंग एण्ड मिडवाइफरी ट्रेनिंग सेंटर, एल.एच.वी केन्द्र, जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर, व स्वास्थ्य विभाग के अन्य प्रशिक्षण केंद्रों में अस्थाई भर्ती के तहत नियुक्ति दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार यूपी एनएचएम की आधिकारिक वेबसाइट पर जरूर विजिट कर लें।

किस श्रेणी के हैं कितने पद कितना है वेतन

इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से पब्लिक हेल्थ नर्स (PHN) ट्यूटर के कुल 190 रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। जिसमें अनारक्षित वर्ग के लिए 76 पद, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 19 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 52 पद, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 40 पद और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 3 पद शामिल हैं। इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 35000 रुपए प्रति महीने का वेतन दिया जाएगा।

कैसे करें प्रतियोगी परीक्षाओं की पक्की तैयारी :

अगर आप सरकारी नौकरी का सपना देख रहे हैं और उसके लिए सालों से मेहनत कर रहे हैं लेकिन आप अपनी परीक्षा में सफल नहीं हो सके या फिर आपका प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा तो आप एक बार सफलताडॉट कॉम द्वारा लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चलाए जा रहे बैच और फ्री कोर्सेस का हिस्सा जरूर बनें। सफलता द्वारा इस समय NDA/NA, यूपी लेखपाल, रेलवे ग्रुप D समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खास कोर्स चलाए जा रहे हैं। आप भी इन कोर्सेस की मदद से अपनी बाकी की तैयारी और कंप्लीट रिवीजन कर सकते हैं तो देर किस बात की safalta app के जरिए तुरंत इन कोर्सेस में एडमिशन लें और सरकारी नौकरी के अपने सपने को साकार करें।

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पंजाब के लुधियाना में सोमवार को देर शाम उस समय हंगामा मच गया जब एक नाबालिग लड़की का शव फंदे पर लटका मिला।

 



पुलिस ने जांच के बाद मृतका (15) का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार लड़की के पिता रिक्शा चालक हैं और परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव का है।पंजाब के लुधियाना में सोमवार को देर शाम उस समय हंगामा मच गया जब एक नाबालिग लड़की का शव फंदे पर लटका मिला। नाबालिग के परिवार ने घटनास्थल पर पहुंचकर आरोप लगाया कि बेटी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई और इसे आत्महत्या में बदलने के लिए बेटी को लटकाया गया है।

सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी और थाना डिवीजन नंबर आठ की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस के पहुंचते ही परिवार और उनके साथियों ने हंगामा शुरू कर दिया और घर में दाखिल होने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने उन्हें रोकने प्रयास किया तो धक्कामुक्की हुई और नौबत हाथापाई तक आ गई। इसके बाद पुलिस की सख्ती को देख गुस्साए लोगों ने पथराव भी किया। इसके बाद पुलिस को हालात काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

पुलिस ने जांच के बाद मृतका (15) का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार लड़की के पिता रिक्शा चालक हैं और परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव का है। लड़की एक घर में कामकाज करती थी।

परिवार का कहना है कि सुबह काम पर जाने के लिए वह निकली और दोपहर में घर का सामान देकर वापस काम पर चली गई, उस समय तक सब कुछ ठीक था। अचानक शाम करीब छह बजे परिवार को पता चला कि लड़की की मौत हो चुकी है। जब परिवार घटनास्थल पर पहुंचा तो मालिकों ने बताया गया कि लड़की ने आत्महत्या कर ली है।

मौत की सूचना मिलते ही उसके आस पड़ोस के लोग भी पहुंचे। परिवार ने आरोप लगाया कि बेटी का पैर सिर्फ चार इंच ऊपर है, अगर वह पैर का अंगूठा भी नीचे लगा दे तो पैर जमीन से छूता है। यह आत्महत्या नहीं है, बल्कि बेटी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है। परिवार का आरोप है कि मालिकों के साथ मिलकर पुलिस भी उन्हें गुमराह कर रही है।

जब परिवार ने अंदर जाने की कोशिश की तो उन्हें धक्का दिया गया और वहां से जाने को कहा गया, जिससे लोग गुस्सा हो गए और पुलिस का विरोध जताया। किसी तरह पुलिस ने हालात पर काबू पाने की कोशिश की तो परिवार ने मालिक के घर पर पथराव कर दिया और तोड़फोड़ की। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया। इसके बाद वहां से लोग इधर-उधर हो गए और पुलिस जांच के बाद शव कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल रवाना हो गई।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
इस मामले में एसीपी सिविल लाइन हरीश ने बताया कि प्राथमिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। बाकी परिवार ने संगीन आरोप भी लगाए हैं। जिसके बारे में जांच की जा रही है। परिवार को समझाया जा रहा था कि पुलिस मामले में निष्पक्ष जांच करेगी और जो सच्चाई होगी उसे सामने लाया जाएगा। मगर कुछ शरारती लोगों ने माहौल खराब करने की कोशिश की है, इस कारण पुलिस को उन्हें वहां से भगाना पड़ा। पोस्टमार्टम के बाद जो रिपोर्ट आएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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एसएन कॉलेज की इमरजेंसी में इलाज की है सुविधा, बीते 10 दिन में 12 मरीज आए

 



 

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में सर्पदंश के मरीज के उपचार की सुविधा है। चिकित्सकों का कहना है कि सर्पदंश होने पर मरीज को तत्काल चिकित्सक को दिखाएं। बायगीर आदि में समय बर्बाद न करें।

बारिश के मौसम में सर्पदंश के मरीज भी बढ़ गए। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में बीते 10 दिन में 12 से अधिक सर्पदंश के मरीज आए हैं। मरीजों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है, जिसके चलते इमरजेंसी में एंटी वेनम के 80 इंजेक्शन मंगाए गए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि सर्पदंश होने पर मरीज को तत्काल चिकित्सक को दिखाएं। बायगीर आदि में समय बर्बाद न करें।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि बारिश के कारण सर्पदंश के मामले बढ़ने लगे हैं। खासकर देहात क्षेत्र से मरीज आ रहे हैं। इस कारण इमरजेंसी में पांच बेड की अतिरिक्त व्यवस्था भी की है। 80 एंटी वेनम इंजेक्शन भी खरीदे गए हैं।

सर्पदंश के मरीज आने के बाद इनको भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। बीते 10 दिन से सर्पदंश के मामले ज्यादा आ रहे हैं। 15 दिनों पहले सप्ताह में इक्का-दुक्का ही मरीज आ रहे थे। अब औसतन एक मरीज रोजाना आ रहा है।

सर्पदंश होने पर इन बातों का रखें ध्यान

एसएन मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डॉ. अजीत चाहर ने बताया कि सर्पदंश होने पर घाव को एंटीसेप्टिक से अच्छी तरह साफ करें। जहरीले सर्प काटने से मरीज के पलक बंद होने लगते हैं, सांस लेने में परेशानी हो रही है, कमजोरी, गले में थूक या पानी निगलने में तकलीफ हो रही है तो कटे हुए हिस्से पर रस्सी से न बांधे और नहीं उसमें कट का निशान लगाएं।

उस हिस्से को हिलाएं-ढुलाएं नहीं। बायगीर समेत अन्य में समय बर्बाद न करें और तत्काल चिकित्सक को दिखाने लाएं। कई बार मरीज में ये लक्षण एक-दो घंटे बाद भी नजर आने लगते हैं। ऐसे में मरीज को कम से कम 24 घंटे भर्ती रखा जाता है।

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शाही ईदगाह पक्ष को देना होगा पक्षकारों के विरोध का प्रत्युत्तर

मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह से संबंधित मामलों पर सुनवाई होगी।

मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह, एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी और नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव के केसों पर सुनवाई होगी। तीनों लोग श्रीकृष्ण जन्मस्थान केस के पक्षकार हैं।

ठाकुर केशवदेव की ओर से दर्ज अधिवक्ताओं के वाद में प्रतिवादी शाही ईदगाह और सुन्नी वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों को केस के स्थायित्व संबंधी मुद्दे पर पक्षकार के विरोध का प्रत्युत्तर देना होगा। पक्षकारों ने अदालत से शाही ईदगाह मस्जिद का कोर्ट कमीशन गठित कर सर्वे कराए जाने का आग्रह किया था, जबकि प्रतिवादियों ने केस के स्थायित्व संबंधी बहस को आगे बढ़ाए जाने के लिए कहा था।

सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सोमवार को ही नारायणी सेना के अध्यक्ष मनीष यादव द्वारा दाखिल वाद में कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर बहस होगी। उन्होंने भी मस्जिद की सर्वे कराने के लिए कोर्ट कमीशन गठित करने की मांग की है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मनीष यादव ने बताया कि उनके द्वारा हाईकोर्ट में भी इसी मुद्दे पर रिट दाखिल की गई है।

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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का एक महीने का पैरोल रविवार रात को खत्म हो गया, जिसके बाद आश्रम के बाहर पुलिस बल तैनात रहा।

 



 

गुरमीत राम रहीम की रविवार रात को पैरोल खत्म हो गई और इसलिए ही आश्रम के बाहर पुलिस तैनात रही। गुरमीत राम रहीम अब दोबारा से सुनारिया जेल जाएगा, लेकिन समाचार लिखे जाने तक गुरमीत आश्रम में मौजूद था।

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का एक महीने का पैरोल रविवार रात को खत्म हो गया, जिसके बाद आश्रम के बाहर पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि उसका पैरोल बढ़ने की चर्चाएं चलती रहीं, लेकिन अधिकारियों के पास इस तरह का कोई आदेश नहीं पहुंचा।

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पैरोल मंजूर होने पर 17 जून को रोहतक की सुनारिया जेल से बरनावा आश्रम में पहुंचा था। उसके साथ हनीप्रीत व परिवार के अन्य सदस्य भी आश्रम में आए थे। वह एक महीने तक आश्रम में गुरमीत के साथ रहे। इस एक महीने में अनुयायी लगातार दर्शन करने के लिए आश्रम पहुंचते रहे और भीड़ जुटाने को लेकर कई बार विवाद होने पर पुलिस ने गुरमीत को तीन बार नोटिस भी जारी किया।

गुरमीत राम रहीम की रविवार रात को पैरोल खत्म हो गई और इसलिए ही आश्रम के बाहर पुलिस तैनात रही। गुरमीत राम रहीम अब दोबारा से सुनारिया जेल जाएगा, लेकिन समाचार लिखे जाने तक गुरमीत आश्रम में मौजूद था। बताया जा रहा है कि उसके साथ हनीप्रीत व परिवार के सदस्य भी आश्रम से वापस जाएंगे। बिनौली थाना प्रभारी डीके त्यागी ने बताया कि पैरोल का समय बढ़ने के कोई आदेश नहीं मिला है।

गुरमीत के आधार कार्ड की कॉपी शेयर करने की जांच शुरू
बरनावा आश्रम के सेवादार चरण सिंह ने थाने पर तहरीर देकर आरोप लगाया था कि मोहित गुप्ता व अन्य एक युवक ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के आधार कार्ड की फोटो कॉपी बिना अनुमति के शेयर की। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी व आईटीएक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। थाना प्रभारी ने कहा कि मामले जांच की जा रही है और आधार कार्ड की फोटो कॉपी शेयर करने वालों का जल्द ही पता लगाया जाएगा।

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राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर दहशत का पर्याय बन चुके फौजी गिरोह के सरगना को तीन साथियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

 



 

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले वे सांप पकड़ने का काम करते थे, लेकिन यह धंधा बंद होने के बाद अपराध की दुनिया में उतर गए।

राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर दहशत का पर्याय बन चुके फौजी गिरोह के सरगना को तीन साथियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले वे सांप पकड़ने का काम करते थे, लेकिन यह धंधा बंद होने के बाद अपराध की दुनिया में उतर गए। गिरोह ने 30 जून से नौ जुलाई तक बनियावाला में लूट, चोरियों के अलावा सेलाकुई, पटेलनगर, सहसपुर थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर दून पुलिस की नाक में दम कर दिया था।

गिरोह ने सेलाकुई थाना क्षेत्र में 30 जून को पहली घटना को अंजाम दिया था। यहां रिश्तेदारी में गए गीता राम उर्फ बबलू और पड़ोस के रामशरण के घर का ताला तोड़कर आरोपियों ने नकदी, गहने और अन्य सामान चोरी कर लिए थे। इसके बाद दो जुलाई को बनियावाला में सीमा देवी के घर में सदस्यों को बंधक बनाकर लूटपाट की। इसी दिन दो अन्य घरों में चोरी भी की। चार जुलाई को सहसपुर थाना क्षेत्र के साभावाला में बचना देवी के घर और नौ जुलाई को पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र के दून युधिष्ठिर पब्लिक स्कूल में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। महज नौ-दस दिन में एक के बाद एक लूट और चोरी की घटनाओं से दून पुलिस की नाक में दम कर दिया था। घटनास्थलों से मिले साक्ष्यों और लगभग 450 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद भी पुलिस को खास सफलता नहीं मिल पाई थी।

रविवार को पुलिस कार्यालय में घटनाओं का खुलासा करते हुए एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि इसी बीच पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि रुड़की और पथरी क्षेत्र में रहने वाले सपेरा जनजाति के लोगों का एक गिरोह इसी प्रकार की वारदात को अंजाम देता है। यह गिरोह देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में काफी सक्रिय है। इसके बाद एसओ सेलाकुई प्रदीप रावत के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने रुड़की और आसपास के क्षेत्रों में जानकारी जुटाई तो फौजी गिरोह के बारे में पता चला। इसके सरगना फौजीनाथ ने गोपीनाथ और अन्य साथियों के साथ देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में लूट और चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। वे सभी अपने-अपने घरों से फरार थे।

इसके बाद थाना सेलाकुई और वसंत विहार पुलिस ने संयुक्त रूप से गिरोह के छिपने के संभावित स्थानों पर दबिश दी। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि फौजी गिरोह के आरोपी महेंद्र चौक से नीचे टी स्टेट में बने खंडहर में किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। पुलिस ने खंडहर में दबिश दी तो वहां चार व्यक्ति मिले। पूछताछ में उनकी पहचान फौजीनाथ उर्फ चिमटी, गोपीनाथ, गौरवनाथ और बुद्धि निवासी घोसीपुरा, सपेरा बस्ती, पथरी हरिद्वार के रूप में हुई। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से नकदी, जेवर और अन्य सामान बरामद किया गया है। आरोपियों बनियावाला में लूट सहित सेलाकुई, सहसपुर की चोरियों में अपना हाथ कबूला। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

बाबाओं के भेष और भिक्षावृत्ति के नाम पर करते हैं घरों की रेकी

पुलिस के मुताबिक, गिरोह से जुड़े आरोपी चोरी से पहले बाबा के भेष में शनिदान और भिक्षावृत्ति का काम करते हैं। इसी दौरान लोगों के घरों की रेकी करते हैं। अक्सर बस्तियों के बाहरी क्षेत्रों के घरों को चिह्नित करते हैं और फिर अपने घर चले जाते हैं। जिस दिन घटना करनी होती है, योजना के मुताबिक वे अपने घर से तीन-चार बजे तक आईएसबीटी पहुंचते हैं। वहां से टैंपो पकड़कर संबंधित क्षेत्र के आउटर एरिया तक जाते हैं। इसके बाद आसपास के जंगल में छिपकर रात का इंतजार करते हैं। रात करीब 12 से एक बजे के बीच बाहर निकलकर चिह्नित घरों में वारदात को अंजाम देते हैं और फिर जंगल में छिप जाते हैं। सुबह जब लोग सैर पर निकलते हैं, उनके साथ अलग-अलग आईएसबीटी पहुंचकर निकल जाते हैं।

नहीं करते मोबाइल का इस्तेमाल, इसलिए पकड़ना मुश्किल
फौजी गिरोह के आरोपी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसलिए पुलिस को उन्हें पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। एसओ सेलाकुई प्रदीप रावत ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते। न ही सीसीटीवी कैमरे की रेंज में आते हैं। जिस क्षेत्र में उन्हें वारदात करनी होती है, वहां मुख्य बाजारों से दूर ऐसे सुनसान स्थान पर जहां सीसीटीवी कैमरे न लगे हों, वहां उतरते हैं और जंगल में चले जाते हैं। इन सभी घटनाओं की जांच पुलिस को मैन्युअली करनी पड़ी। क्योंकि, सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस से पता नहीं चल पाया।

जंगल में फेंक देते हैं अपने साथ लाए हथियार 
गिरोह के आरोपी अक्सर अपने पास पेचकश, प्लास आदि हथियार रखते हैं। इन्हें घटना के बाद जंगल में ही फेंक देते हैं ताकि उन पर कोई शक न करे। वारदात करते समय भी पेचकश पर कपड़ा बांधकर लोगों को बंदूक बताकर डराते हैं।

निंबस एकेडमी में हुई लूट में भी शामिल 
आरोपियों ने जुलाई में हुई लूट और चोरी की घटनाओं के साथ ही जनवरी में प्रेमनगर स्थित निम्बस एकेडमी में कर्मचारी को बंधक बनाकर लाखों की लूट में भी अपना हाथ कबूला है। बताया कि इस घटना के बाद वे शांत हो गए थे। पुलिस के मुताबिक इनमें से फौजीनाथ वर्ष 2021 में रायवाला में हुई चोरी की घटना में वांछित है। आरोपी गौरव वर्ष 2021 में कोटद्वार थाने से चोरी के आरोप में जेल जा चुका है।

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